राँची से लगभग 55 किमी दूर स्थित, बनाई नदी की पांच धाराओं से बना पंचघाघ जलप्रपात एक सुंदर और मनोरम स्थल है। हालांकि पानी ज़्यादा ऊंचाई से नहीं गिरता, फिर भी इसकी गर्जन को पास से सुना जा सकता है। सभी पांचो धाराएं चट्टानों को ज़ोर से टक्कर मारती हैं। झरने के नज़ारे को देखने के लिए मानसून और सर्दियों का मौसम सबसे अच्छा होता है जब सारी जलधाराएं अपने पूरे प्रताप में होती हैं। ऊंचाई पर जाकर आसपास क्षेत्र के सुंदर मनोरम दृश्य को देख सकते हैं। बनाई नदी की पांच धाराओं से पांच छोटे तालाब बनते हैं, जिसको कोई भी झरने के रास्ते में देख सकता है। ऐसा कहा जाता है कि महाभारत के पांडवों ने इन पांच तालाबों का उपयोग अपने निर्वासन के अंतिम वर्ष के दौरान खुद को छिपाने के लिए किया था।

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