नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर धनुषकोडि जो कि एक ओर बंगाल की खाड़ी से घिरा है तथा जिसका दूसरा छोर हिन्द महासागर को गले लगाता है, पर्यटकों के आकर्षण का एक मुख्य केन्द्र है। यह स्थान यहां आने वाले हर सैलानी की सूची में जरूर शामिल होता है। क्योंकि रोमांच प्रेमियों के लिए यहां कई तरह के वाटर स्पोर्ट्स जैसे कि सर्फिंग आदि का यहां अच्छा खासा इंतजाम किया गया है। यहां समुद्र के किनारे बेहद अनूठे किस्म के शैल और सीपीयां पायी जाती हैं, जो यहां आने वाले पर्यटक यादगार के रूप में ले जाना पसंद करते हैं। इतना ही नहीं यहां आस्ट्रेलिया सहित की अन्य देशों से भी भारी संख्या में प्रवासी पक्षी हर साल आते हैं। इस लिहाज से पक्षियों में रुचि रखने वाले लोगों के लिए यह एक आर्दश टूरिज्म स्पाट है। 

इन सब खूबियों के अलावा इस स्थल का अपना एक आध्यात्मिक और पौराणिक महत्व भी है। प्राचीन कथाओं के अनुसार यह वही स्थल है, जहां श्रीराम ने महाबली हनुमान को सेतु बनाने का आदेश दिया था, ताकि उनकी सेना उस सेतु के माध्यम से समुद्र को पार कर लंका पर आक्रमण तक सीता मैया को छुड़ा सके। धनुषकोडि तक पहुंचने के लिए सैलानियों को पम्बन द्वीप तक जाना पड़ता है, जिसके लिए पम्बन पुल से गुजरने वाली रेल सबसे बढ़िया मार्ग के रूप में प्रसिद्ध है। 

अन्य आकर्षण