यह मंदिर भारत का एकमात्र गणेश तीर्थ है जो गुफा में तराशकर बनाए जाने के कारण विशेष महत्त्व रखता है। ऐसा कहा जाता है कि महाकाव्य महाभारत के पांडवों ने अपने वनवास के तेरहवें वर्ष में, एक रात में इन गुफाओं का निर्माण किया था! पुणे के पास जुन्नार की पहाड़ियों में स्थित, लेण्याद्री गुफाओं में गिरिजात्मज गणेश (पीठासीन देवता) हैं, जो गुफा की दीवार पर उकेरे गए हैं जो केवल पीछे से देखे जा सकते हैं। लाल सिंदूर से इनका अभिषेक किया जाता है। यह महाराष्ट्र राज्य के अष्टविनायक या आठ गणों में से एक हैं।लेण्याद्री तक पहुंचने के लिए 338 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। आप प्रवेश द्वार पर आठ नक्काशीदार स्तंभों को पार करते हुए एक चट्टान काट कर बनाई गई गुफा तक पहुंचते हैं। प्रत्येक खंभे पर शेर और हाथी चित्रित हैं और पास में एक बड़ा हॉल है। दक्षिण मुखी गुफा में गर्भगृह के दाईं ओर 18 आले हैं। यहीं पर गणेश की मूर्ति उकेरी गई है। गुफाओं में कई पानी की टंकियां हैं, जो पूरे साल साफ, ठंडे पानी के साथ भरी जाती हैं, जो यहां आने वाले थके, प्यासे तीर्थयात्रियों को राहत प्रदान करती हैं।

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