टॉप स्टेशन

मुन्नार में सबसे आश्चर्यजनक स्थानों में से एक, टॉप स्टेशन समीपस्थ स्थलों का शानदार दृश्य प्रदान करता है। यह समुद्र तल से 1,700 मीटर ऊपर स्थित है, और इसे इस तरह से जाना जाता है क्योंकि यह कुंडला घाटी का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन है। निरंतर शीतल हवा, नीले आसमान और चारों ओर बिखरे जंगली फूलों के साथ कुछ घंटे बिताने के लिए यह एक शानदार स्थान है। आप पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के शानदार दृश्य भी देख सकते हैं। नीलकुरिंजी पुष्प के खिलने के मौसम के दौरान जब यह मीलों तक पहाड़ियों और घाटियों को पुष्पों के रूप में कंबल प्रदान करता है तब टाॅप स्टेशन विशेष यात्रा करने के योग्य हो जाता है। स्टेशन पलानी हिल्स राष्ट्रीय उद्यान के पश्चिमी प्रवेश द्वार के रूप में उपयुक्त होता है।

टॉप स्टेशन के रास्ते में इको पॉइंट पर रुकें। यदि आप इस दृश्य स्थल से चिल्लाते हैं, तो आपकी आवाज पहाड़ियों से उछल कर आएगी और कई सेकंड के लिए गूंज जाएगी।

टॉप स्टेशन

कुंडला झील

कुंडला क्षेत्र मुन्नार के प्रमुख आकर्षणों में से एक है, विशेष रूप से कुंडला झील। मुन्नार से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित, यह झील पानी की सतह पर सूर्य की किरणों के नृत्य का एक अति सुंदर दृश्य प्रदान करती है। आगे जाकर आप 1946 में निर्मित एशिया के पहले आर्क बांध, सेतु पार्वती बांध, के शांत दृश्य को महसूस कर सकते हैं।

इस स्थान के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक, विशेष रूप से प्रकृति प्रेमियों के लिए, वर्ष में दो बार खिलने वाले चेरी फूल हैं, जो परिदृश्य को और भी लुभावना बनाते हैं। शानदार दृश्यों और आसपास के दृश्यों का वास्तव में आनंद लेने के लिए, आगंतुकों को एक पैर नाव (पेडल बोट), एक कश्मीरी शिकारा नाव या एक खेई जाने वाली नाव और झील के पार क्रूज किराए पर लेने की सलाह दी जाती है।

कुंडला झील

कोलुकुमलाई चाय बागान

मुन्नार से 38 किमी दूर विश्व के सबसे ऊंचे बागान में एक कप चाय का आनंद लें। जीप से ही पहाड़ी शिखर तक पहुंचा जा सकता है। आप यहाँ से मुन्नार घाटी का मनमोहक दृश्य देख सकते हैं। समुद्र तल से लगभग 7,900 फीट की ऊंचाई पर, आप पड़ोसी राज्य तमिलनाडु को भी देख सकते हैं। चढ़ाई करने वालों को, इन पहाड़ियों के माध्यम से अवश्य चलना चाहिए।

आप बागान और चाय कारखाने के एक निर्देशित भ्रमण का लाभ उठा सकते हैं और उत्पादन के तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। चाय को दो मंजिला लकड़ी के भवन में उस प्रसंस्करण की तकनीक के साथ संसाधित किया जाता है, जो दशकों से उपयोग में है। आधुनिक समय में उपयोग की जाने वाली आम सीटीसी (क्रश-टियर-कर्ल) पद्धति से यह पारंपरिक प्रक्रिया काफी हद तक दूर है, और इसमें सात चरण शामिल हैं - मुरझाना (विदेरिंग), लुढ़काव (रोलिंग), खमीरीकरण (फर्मेंटिंग), शुष्कन (ड्रायिंग), तंतु निष्कर्षण (फाइबर निष्कर्षण) और पेषण (ग्रेडिंग)। यहां एक दुकान भी है जहां आप ब्रोकेन ऑरेंज पीको (बीओपी) और फ्लॉरी ऑरेंज पीको (एफओपी) जैसे कई प्रकार के फ्लेवर (स्वाद पदार्थ) खरीद सकते हैं।

कोलुकुमलाई चाय बागान

मारयूर

प्राकृतिक चंदन वनों और गन्ने के खेतों के लिए मारयूर जाएँ, ये प्रकृति के शानदार दृश्य प्रदान करते हैं। वास्तव में एक छोटा सा गांव, मारयूर मुन्नार के बाहरी इलाके में स्थित है। मारयूर वन रेंज के अंदर मुनियारा है, जो नव पाषाण काल से भित्ति चित्रों, पुरावशेषों और शैल चित्रकलाओं के साथ एक प्रागैतिहासिक स्थल है, जहां आप कई इतिहासकारों और मानवविज्ञानियों को कठिन परिश्रम करते हुए देख सकते हैं। यहाँ 2000 वर्ष पुराने स्मारकों जिनमें शवाधान भूमि सम्मिलित हैं, जिन्हें महापाषाण शवाधानी (डोलमेनाॅयड सिस्ट) के रूप में जाना जाता है, वे सदियों से शोध के अधीन हैं। महापाषाण शवाधानी (डोलमेनाॅयड सिस्ट) में चार पत्थर शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक को एक कोने पर रखा गया है और एक बड़े पत्थर से ढके हुए हैं। पुराने पाषाण के अवशेष और चित्रकलाएं इतिहास के शौकीनों के लिए विशेष रूप से रोचक हैं।

वन रेंज के अंतर्गत इझुथुपारा भी  आता है जहां गुफा चित्रों को प्रतिदिन सैकड़ों आगंतुक देखते हैं। मारयूर में एक चंदन पुनर्जनन प्रायोगिक भूखंड है, जहां वन और उसके 65,000 वृक्षों पर जिज्ञासु सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मारयूर आपको यह भी सिखाएगा कि चंदन को कैसे संसाधित किया जाता है। वन विभाग का चंदन का कारखाना और थोवानम जलप्रपात एवं राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान के साथ बच्चों का उद्यान पास में स्थित है। पम्बर नदी भी मारयूर से गुजरती है और एक सुंदर दृश्य निर्मित करती है।

मारयूर

ब्लॉसम अंतर्राष्ट्रीय पार्क

इस खूबसूरत उद्यान में बहुत सी गतिविधियाँ प्रस्तुत की जाती हैं। आप नौकायन, स्केटिंग, साइकिल चलाना, लंबी सैर कर सकते हैं या सिर्फ बैठ सकते हैं और उद्यान की शांति का आनंद ले सकते हैं। आपकी प्रशंसा करने के लिए यहाँ वनस्पतियों की एक विशाल विविधता भी है। उद्यान 16 एकड़ में फैला है और मुन्नार से 3 किमी दूर है। यह पल्लीवसल जलविद्युत परियोजना के पास स्थित है। अन्य आकर्षणों में मुथीरापुझा नदी के किनारे मुन्नार हाइडल पार्क, और बच्चों के लिए एक विशाल खेल का मैदान जो कई झूलों, वृक्ष घरों और रस्सी के मार्ग से सुसज्जित है। यह प्रातः 9.00 बजे से सांय 7.00 बजे तक सार्वजनिक अवकाश सहित सभी दिनों में खुला रहता है। बच्चों के साथ परिवारों के लिए बिल्कुल उपयुक्त ब्लॉसम अंतर्राष्ट्रीय पार्क आपको मनोरम परिवेश में विभिन्न प्रजातियों के फूलों, झाड़ियों, गूदेदार पौधों और आइवी लता के बारे में जानने और आराम करने की अनुमति प्रदान करता है।

ब्लॉसम अंतर्राष्ट्रीय पार्क

अनाइरंगल

अनाइरंगल अपने चाय बागानों के लिए विख्यात है। पहाड़ियों और घाटियों पर मीलों तक फैला हुआ, यह बागान एक ताजा सैर और प्रकृति के संगीत का आनंद लेने के लिए आदर्श हैं। हरे भरे बागान से घिरे यहाँ एक छोटा जलविद्युत बाँध भी है जिसे पर्यटक देख सकते हैं। जहाँ बागानों में श्रमिकों की गतिविधियों की चहलपहल के साथ सुबह होती है, वहीं शामें शांत होती है, और चाय के प्यालियों एवं ठंडी हवा के साथ में बिताई जाती हैं। आप यहाँ के जलाशय में नौका विहार भी कर सकते हैं।

बांध का सबसे खास पहलू यह है कि हाथियों के झुंड अपनी प्यास बुझाने के लिए पास के जंगलों से बांध की ओर आते हैं। अनाइरंगल मुन्नार के बाहरी इलाके, थेक्कडी के रास्ते पर स्थित है।

अनाइरंगल

पल्लीवासल

पल्लीवासल गाँव में प्रमुख आकर्षण पल्लीवासल जलप्रपात हैं, जो दर्शनीय स्थलों की सैर और पिकनिक का आनंद लेने के लिए एक उत्कृष्ट स्थान है। मुन्नार के बाहरी इलाके में स्थित, सीता देवी झील के पास, जलप्रपात आराम और कायाकल्प करने के लिए एक आदर्श स्थान है। पर्यटक इस क्षेत्र में प्रकृति की सैर और चढ़ाई का आनंद ले सकते हैं। जलप्रपात के आसपास का क्षेत्र वनस्पतियों और पशुओं से परिपूर्ण है जो आसपास के क्षेत्रों में शांति और प्रशांति को समाहित करता है। जलप्रपात के समीप ही हरे-भरे चाय के बागान के विस्तारित क्षेत्र हैं जो प्रकृति की सैर का आनंद लेने के लिए एकदम उपयुक्त हैं। आप यहाँ चाय उगाने की प्रक्रिया के बारे में भी जान सकते हैं। 

गाँव केरल में प्रथम जलविद्युत परियोजना की आतिथ्य करता है जो यहाँ एक महत्वपूर्ण आकर्षण है।

पल्लीवासल

थामनकुथु जलप्रपात

थामनकुथु थोडुपुझा शहर से 18 किमी दूर है और एक आदर्श पिकनिक स्थल है। यहाँ के जलप्रपात का नाम आदिवासी नेता कोलुम्बन से लिया गया है, जो इसके पानी में प्रवाहित हो गए थे। आप पर्वत के शिखर तक जा सकते हैं और 12 किमी चढ़ाई के पश्चात के दृश्यों का आनंद लेते हुए रात्रि शिविर वास और पक्षी दर्शन का विकल्प चुन सकते हैं, लेकिन चढ़ाई करने वालों को उनके साथ एक गाइड रखने की सलाह दी जाती है, क्योंकि राह घुमावदार है और वे खो सकते हैं। जलप्रपात 1,500 मीटर की ऊंचाई पर है और प्रत्येक स्तर पर एक कुंड के साथ सात कदम नीचे झरने हैं। पर्यटक नौका विहार और मछली पकड़ने भी जा सकते हैं। यात्रियों को इस स्थल पर जाने से पहले इडुक्की के जिला पर्यटन संवर्धन परिषद या राज्य के वन एवं वन्यजीव विभाग के प्रभागीय वन कार्यालय से संपर्क करना पड़ सकता है।

थामनकुथु जलप्रपात

कन्नन देवन हिल्स बागान चाय संग्रहालय

टाटा टी द्वारा स्थापित, संग्रहालय मुन्नार में चाय बागानों की विरासत के बारे में बताता है। मुन्नार में चाय बागानों के विकास के साथ जुड़ा हुआ एक आकर्षक इतिहास है और संग्रहालय केरल की उच्च श्रृंखलाओं में इस विकास के रोचक पहलुओं को दर्शाता है। संग्रहालय में चाय के प्रसंस्करण के लिए प्रयुक्त कलाकृतियाँ, तस्वीरें और मशीनरी हैं, और यह नल्लथननी एस्टेट में स्थित है।

बागान में सात विशाल चाय बागान हैं, जिनके नाम चुंदावुरई, गुडरले, गुंडुमल्लई, लेचमी, मदुपट्टी, नलतन्नी, और न्यामकद हैं, जो 16 विनिर्माण इकाइयों और लगभग 12,000 कर्मचारियों के साथ 24,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला है, जो इसे देश मेंसबसे बड़े चाय निर्माण केंद्रों में से एक बनाते हैं। आगंतुक बागान के परिसर से कई प्रकार की चाय खरीद सकते हैं।

कन्नन देवन हिल्स बागान चाय संग्रहालय