लगभग 16 फुट ऊंचा यह विशाल शिलाखंड मामल्लपुरम के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। गुरुत्वाकर्षण को धत्ता बताते यह विशालकाय शिलाखंड ;बोल्डरद्ध एक बहुत ही छोटे से संकीर्ण आधार पर खतरनाक ढंग से संतुलित पड़ा हुआ है। यह भगवान कृष्ण के मक्खन के प्रति प्रेम का प्रतीक है। पौराणिक कथा के अनुसारए बोल्डर मक्खन की मात्रा का प्रतिनिधित्व करता हैए जिसे भगवान कृष्ण चुराते थे और खाते थे। इसके अलावा एक पुरानी कहानी के अनुसार पल्लव वंश के बहुत सारे राजा अपनी सेना और हाथियों के साथ इस बोल्डर को हिलाने की कोशिश करते थेए लेकिन यह एक इंच भी नहीं हिलता था। बोल्डर की चौड़ाई एवं उसकी ऊंचाई लगभग एक समान है और इसकी आकृति कुछ हद तक गोलाकार हैए पूर्ण गोल नहीं है। आज के दिन यह विशाल शिलाखंड मामल्लपुरम आने वाले सभी पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केन्द्र हैए और अपने अदभुत संतुलन के लिए लोगों को सोच में डाल देता है।

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