भारत में आठ शानदार बेसिलिकाओं में से एक, सांता क्रूज़ बेसिलिका का निर्माण 1505 में पुर्तगालियों द्वारा किया गया था। उसकी दो बुलंद मीनारें दूर से ही दिखाई दे जाती हैं। इस प्राचीन सफेद संरचना का अंदर का भाग व सजावट विपरीत रंग में है। भारी मेहराब और वेदी चर्च की वास्तुकला में मध्ययुगीन वास्तुकला का एहसास कराते हैं। यहां आकर पर्यटक विशेष रूप से सात कैनवास चित्रों को देख हैरान रह जाते हैं जो लियोनार्डो दा विंची के 'लास्ट सपर' से प्रेरित हैं। आप मंत्रमुग्ध होकर जब छत पर टकटकी लगाकर देखते हैं तो जिस खूबसूरती से वहां ईसा मसीह के वाया क्रूसिस के दृश्यों को चित्रित किया गया है, यह देख आप उस समय के कारीगरों के कौशल पर अचंभित रह जाते हैं। दीवारों पर की गई बारीक नक्काशी और रंगीन कांच की खिड़कियां,चर्च की सुंदरता को बढ़ाती हैं। उन्हें देखने के बाद लंबे समय तक भूल पाना मुश्किल है। सांताक्रूज बेसिलिका सेंट फ्रांसिस चर्च के करीब है, जो देश के सबसे खूबसूरत गिरिजाघरों में से एक है।