शिव खोड़ी या भगवान शिव की गुफा जम्मू से लगभग 140 किमी दूर रणसू गाँव में एक पहाड़ी चोटी पर स्थित है। इस गुफा में चार फीट ऊँचा एक प्राकृतिक शिवलिंग है और ऐसी धारणा है कि यह अपने आप (स्वयंभू) बना है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यह गुफा शिव के अजन्मा और अदृश्य रूप के लिए समर्पित है। यहाँ पहुँचने का मार्ग थोड़ा कठिन है और सुन्दर पर्वतों तथा दृश्यावलियों के बीच से होकर 3 किमी की पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है। इस गुफा में देवी पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय, नन्दी तथा शेषनाग की प्राकृतिक मूर्तियाँ हैं।पौराणिक कथाओं के अनुसार इस गुफा में लगभग 33 करोड़ देवी-देवताओं का निवास है। एक अन्य कथा के अनुसार हजारों वर्ष पहले भस्मासुर नामक राक्षस ने लम्बे समय तक यहाँ रहकर भगवान शिव की आराधना की। बाद में भगवान शिव ने भस्मासुर को वरदान दिया कि वह जिस किसी के सिर पर अपना हाथ रख देगा वह भस्म हो जायेगा। कहा जाता है कि जब भस्मासुर भगवान शिव को भस्म करने के लिए उनका पीछा कर रहा था तो भगवान शिव ने बचने के लिए अपने त्रिशूल से इस गुफा का निर्माण किया। उन्होंने यहाँ देवी पार्वती तथा नन्दी के साथ कुछ समय तक निवास किया।

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