मोइरांग स्थित आज़ाद हिन्द फ़ौज स्मारक और संग्रहालयए मूल रूप से सिंगापुर में निर्मित आईएनए युद्ध स्मारक की नकल है और यह सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है। इस संग्रहालय में हथियारों और गोला.बारूदए संगीनोंए हेलमेटों और आज़ाद हिन्द फ़ौज के सैनिकों द्वारा उपयोग किए जाने वाले अन्य लेखों का एक अच्छा संग्रह है। संग्रहालय में पुस्तकोंए दस्तावेजोंए पांडुलिपियों और पत्रिकाओं को भी अच्छा संकलन हैए जो भारत के इतिहास और उसके स्वतंत्रता संग्राम को दिखाते हैं। इस स्मारक का ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि यहीं नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पहली बार आज़ाद हिन्द फ़ौज के कमांडर.इन.चीफ के रूप में भारतीय तिरंगा फहराया था। आज़ाद हिन्द फ़ौज के हजारों सैनिकों के साथ जापानी सैनिक भी मणिपुर में इम्फाल की लड़ाई के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए थे। वे मणिपुर घाटी में 1ए500 वर्ग मील के क्षेत्र को आजाद कराने में कामयाब रहे थे और मोइरांग में मुख्यालय से तीन महीने तक आजाद क्षेत्र पर शासन किया था। ये स्मारक उन्ही बहादुर सैनिकों की याद में बनाया गया है और यहाँ आनाए किसी भी यात्री के लिए रोमांचक हो सकता है।

 

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