राजस्थान से मंगाए गए, 6,000 टन गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित, जिसमें स्टील का बिलकुल भी उपयोग नहीं किया गया है, अक्षरधाम मंदिर गांधीनगर में 23 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और अपनी भव्यता के कारण आकर्षण का केंद्र है। यह शहर का सबसे बड़ा मंदिर परिसर है जिसमें हर साल हजारों भक्त आते हैं। विशाल उद्यानों के बीच बनी यह बारीक नक्काशीदार संरचना लगभग 108 फीट ऊंची है, और एक भव्य दृश्य प्रस्तुत करती है। मंदिर में भगवान स्वामीनारायण की 7 फुट ऊंची, सोने की परत वाली मूर्ति है, जो वहां के अधिष्ठातृ  देवता हैं। यह स्मारक सात नक्काशीदार खंभों, 201 एक ही पत्थर की  बनी कड़ियों, खिड़कियों की जालियों, गुंबदों, आठ अलंकृत झरोखों, आदि पर खड़ा है। इसकी अद्भुत वास्तुकला के अलावा, मंदिर की एक और विशेष विशेषता है वहां होने वाला साउंड व लाइट शो, जो दर्श्कों को हिंदू धर्म के पहलुओं से परिचित कराता है। मंदिर के उद्यानों का प्रयोग एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल के रूप में किया जाता है और श्रद्धालु अकसर इस सुंदर और शांत स्थान पर सुकून पाने आते हैं।

अक्षरधाम 2 नवंबर 1992 को स्थापित किया गया था, और यह आधुनिक और प्राचीन मूल्यों का एक आदर्श मिश्रण है। इसका उद्देश्य भगवान स्वामीनारायण के दर्शन और शिक्षाओं को फैलाना है और दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर का निर्माण करने वाले संगठन बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था द्वारा से स्थापित किया गया था। कहा जाता है कि इस मंदिर को बनाने में लगभग 13 साल लगे।

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