वास्तव में, भारत बर्डवॉचर्स के लिए एक स्वर्ग है। भारत में पक्षियों की 1,266 प्रजातियाँ पाई जाती हैं जिसमें इसमें पैराडाइज फ्लाईकैचर से लेकर अपने अद्भुत पंखों वाला हिमालयी मोनाल तीतर शामिल है। जंगल के एक शांत हिस्से में रुककर प्रकृति के गीत को सुनना यात्रा एक अलग ही आनंद है: गुनगुनाते हुए थ्रश की चुलबुली आवाज, झिंगुरों का झुंड; एक बांस के खाँचों की चरमराहट; हवा से बिखरती हुई पत्तियों की सनसनाहट; उड़ती हुईं मधुमक्खियों की गूंज जो रानी को उसके शहद के नए छत्ते तक पहुँचाती है... एक उड़ती हुई छिपकली। 

भरतपुर पक्षी अभयारण्य या केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पृथ्वी पर मौजूद सर्वश्रेष्ठ पक्षी अभयारण्यों में से एक है। इस अभयारण्य  में 230 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं, जिसमें हजारों प्रवासी पक्षी सर्दियों के दौरान आते हैं। हलचल मचाते रंगबिरंगे सारस को देखिए, उसे अपने बच्चों को खाना खिलाते हुए देखिए और पालन-पोषण करते देखिए, फड़फड़ाते पंखों और पानी की बूंदों की झड़ी में भारतीय डार्टरों की लड़ाई को देखना या दुनिया की सबसे ऊँची उड़ान भरने वाली सारस क्रेन, जो एक सेना दल की तरह व्यवहार करती हैं, को देखना और इसके बाद, एक साथ आवाज करना, एक साथ उड़ान भरना और एकजुटता को देखना मंत्रमुग्ध कर देता है।

मुंबई के बाहरी क्षेत्र में पश्चिमी घाटों पर स्थित कर्नाला पक्षी अभयारण्य सर्वश्रेष्ठ पक्षी विहार स्थलों में से एक है। पक्षियों के आकर्षक जीवन के बारे में अधिक गहराई से जानकारी प्राप्त करने वाले लोगों के लिए, 6-किलोमीटर लंबा मोर्टाका ट्रेल एक अद्भुत स्थान है, जहाँ विदेशी पक्षियों और शिकरा जैसे पक्षी और तितली का जीवन देखने को मिलता है। 

कच्छ ग्रेट इंडियन बस्टर्ड अभयारण्य सर्वश्रेष्ठ अभयारण्य स्थलों में से एक है। यहाँ आगंतुक सबसे भारी पक्षियों में से एक बस्टर्ड को देख सकते हैं। इसके अतिरिक्त, आप काले और भूरे रंग के फ्रेंकोलिन, चित्तीदार और भारतीय सैंगरौस, बटेर, तुलिका, किरौला, क्षिप्रचला और टिटिहरी देख सकते हैं। दुर्लभ प्रजातियाँ जैसे स्टोलिक्सका के बुशचैट्स और सफेद रॉएँदार स्तनपायी जीव भी यहाँ देखे जा सकते हैं। सर्दियों के दौरान, जखाउ के उत्तरी तट क्षेत्र पर फ्लैमिंगो, हेरॉन, एग्रेट्स, सैंडपाइपर्स और अन्य पक्षी बड़े पैमाने पर देखे जा सकते हैं जो आमतौर पर लवणीय जलाशयों और खाड़ियों में पाए जाते हैं। 

केरल स्थित कुमाराकोम पक्षी अभयारण्य कई प्रवासी पक्षियों का आश्रय स्थल है। यह मंत्रमुग्ध करने वाली वेम्बनाड झील से घिरा हुआ है। यहाँ साइबेरिया और हिमालय से बड़ी सँख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। अभयारण्य घूमने का सबसे अच्छा मौसम जून और अगस्त के बीच है क्योंकि यह नमी वाले स्थानों में पाए जाने वाले पक्षियों जैसे सफेद इबिस, हेरॉन, एग्रेट्स, लिटिल कॉर्मोरैंट, इंडियन डार्टर और किंगफिशर का प्रजनन काल है। इसके अलावा वुड बीटल, लार्क, फ्लाईकैचर, तोते, चैती, साइबेरियन क्रेन, उल्लू, बतख और वॉटरफाउल भी पाए जाते हैं जिन्हें देखा जा सकता है। अभयारण्य की यात्रा को रोमांचक बनाने का एक तरीका नौका विहार है जिससे जल के आसपास घूमने वाले पक्षियों को निकटता से देखा जा सकता है। अधिक रोमांचक अनुभव के लिए, पर्यटक केरल पर्यटन विकास निगम (केटीडीसी) के बैकवाटर रिसॉर्ट में स्टिल्ट्स पर स्वतंत्र कॉटेज में ठहर सकते हैं।

दुर्लभ प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए केरल स्थित पथिरामनाल सर्वश्रेष्ठ स्थानों में से एक है। यह केरल के बैकवाटर पर तैरता हुआ सुंदर और छोटा द्वीप है। यहाँ लगभग 50 विदेशी प्रजातियों वाले पक्षी और 91 प्रकार के स्थानिक पक्षी पाए जाते हैं। यहाँ पाए जाने वाले कुछ सामान्य पक्षियों में चैती, पिंटेल डक्स, कॉर्मोरेंट, नाइट हेरॉन, डार्टर, इंडियन शैग, व्हिसलिंग डक, लिटिल कॉर्मोरेंट और व्हिस्कर्ड टर्न शामिल हैं। 

कर्नाटक राज्य में स्थित, रंगनाथिटु पक्षी अभयारण्य पक्षी-प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। यदि भाग्य अच्छा हो, तो यहाँ साइबेरिया से आने वाले पक्षी भी देखे जा सकते हैं जो यहाँ अपना घर बनाने के लिए आते हैं। अन्य पक्षियों के बीच आप यहाँ डार्टर, मोर, बगुला, जंगली बतख, विशाल जलकौआ, बड़ी टिटिहरी, कुररी, पतले गले वाला भांडीक भी देख सकते हैं।

भारत में प्रवासी पक्षियों के लिए सबसे बड़ा ठंडा क्षेत्र ओडिशा की चिलिका झील पक्षी अभयारण्य है, जो पक्षी-प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। गुलाबी-होठों वाले फ्लैमिंगो से लेकर राजसी सफेद पेट वाला समुद्री बाज की विविधता एक रोमांचक अनुभव प्रदान करती है।

महाराष्ट्र स्थित मयानी पक्षी अभयारण्य एक सुंदर और यादों में बना रहने वाला अभयारण्य है। यहाँ फ्लैमिंगो, उत्तरी शॉवलर, सारस और किंगफिशर जैसे पक्षी पाए जाते हैं। अभयारण्य का सर्वश्रेष्ठ आनंद पैदल चलकर उठाया जा सकता है।

गुजरात का सबसे बड़ा नमी वाला पक्षी अभयारण्य, नल सरोवर है। विभिन्न प्रवासी पक्षी जैसे सफेद सारस, ब्राह्मणी बतख, पेलिकन, बैंगनी कुक्कुट और सफेद पूँछ वाले लैपविंग यहाँ आकर ठहरते हैं।

माजुली दुनिया में सबसे बड़ी नदी डेल्टा है, जिसमें विविध प्रकार के पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती है। यहाँ छोटे पैर वाले सर्प बाज, बैंगनी सनबर्ड, भूरे रंग की किरौला, लाल मुनिया, सफेद पीठ वाले गिद्ध, विशाल हरगीला सारस, पालास की फिश ईगल, भूरे विशाल जलकौआ देखे जा सकते हैं।