
क्षमा करें, हमें आपकी खोज से मेल खाने वाली कोई भी चीज़ नहीं मिली।
यह पर्व तिब्बत कैलेंडर अर्थात से-चु के अनुसार हर वर्ष चंद्र मास के दसवें दिन मनाया जाता है। हेमिस महोत्सव दो दिवसीय आयोजन होता है। यह महोत्सव भारतीय बौद्ध संत, गुरु पद्मसंभव की जयंती पर मनाया जाता है। यह पर्व हेमिस नामक बौद्ध मठ में आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर मठ को सुंदर ढंग से सजाया जाता है। स्थानीय लोग पारंपरिक वेष-भूषा में सज-धजकर इस महोत्सव में हिस्सा लेते हैं। वे सभी मठ के प्रांगण में एकत्रित होते हैं। बौद्ध भिक्षु इस मौके पर मुखौटे लगाकर पारंपरिक नृत्य करते हैं। कलाकार ढोल, करताल एवं तूती के माध्यम से मधुर संगीत बजाते हैं। कभी-कभी दर्शकों के मनोरंजन के लिए नाटकों का भी आयोजन किया जाता है। लामाओं द्वारा पहनी जाने वाली रंग-बिरंगी पोशाकें इस महोत्सव का विशेष आकर्षण होती हैं। उनके द्वारा पहने गए लंबे चोगे, विचित्र मुखौटे तथा अनोखे मुकुट, कुल मिलाकर ये सभी वस्तुएं लामाओं के नृत्य को बहुत ही करामाती बना देती हैं। रोचक तथ्य यह है कि हर एक मुखौटे का अपना एक विशेष महत्व होता है।