यह मंदिर शहर के मध्य में स्थित है और यह एक वास्तुशिल्पीय चमत्कार है। भगवान शिव को समर्पित, जो त्रिशूर शहर में वडक्कुमनाथन के रूप में प्रतिष्ठित हैं, यह मंदिर 8 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यह पत्थर की विशाल दीवारों से घिरा हुआ है और परिसर के अंदर चतुर्दिशाएं चार गोपुरम (द्वार) द्वारा इंगित की गई हैं। मंदिर में तीन प्रमुख मंदिर हैं, जो वडक्कुमनाथम या भगवान शिव, भगवान राम और शंकरनारायण को समर्पित हैं। पुरातत्व विज्ञान के अनुसार, वडक्कुमनाथन मंदिर दक्षिण भारत का सबसे पुराना मंदिर है और केरल में भगवान शिव को समर्पित सबसे बड़ा मंदिर है। शायद इसीलिए इससे जुड़े बहुत सारे मिथक हैं जिनसे पता चलता है कि यह भगवान परशुराम द्वारा निर्मित पहला मंदिर था। मंदिर का निर्माण शास्त्रीय केरल शैली की वास्तुकला में किया गया है और इसमें महाभारत की कहानी को सुनाते भित्ति चित्र (17 वीं शताब्दी) भी हैं। कई लोग मानते हैं कि यह वही स्थान है जहां मैसूर के प्रसिद्ध शासक टीपू सुल्तान ने एक बार डेरा डाला था।

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