वर्ष 1832 में निर्मित, सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस और प्रयोगशाला, जिसे पार्क एस्टेट के रूप में भी जाना जाता है, एक लोकप्रिय विरासत स्थल है। यह वो लोकप्रिय घर था जहां से सर जॉर्ज एवरेस्ट ने ब्रिटिशों को दुनिया की सबसे बड़ी चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई नापने में मदद की थी। इस चोटी को पहले पीक XV कहा जाता था, लेकिन उनके इस योगदान के बाद उनका नाम इसे दिया गया था। घर की लोकेशन बहुत महत्‍वपूर्ण है और सर एवरेस्ट के समय में इसका उपयोग, ब्रिटिश भारत की सीमाओं को चिह्नित करने वाले पहाड़ों को देखने के लिए वेधशाला के बतौर किया गया था। आज, इस घर का रखरखाव उत्तराखंड सरकार द्वारा किया जा रहा है और यह साल भर पर्यटकों के लिए खुला रहता है। यहां से, दून घाटी और हिमालय पर्वत श्रंखला का शानदार नज़ारा देखा जा सकता है। यह मसूरी से लगभग 8 किमी की दूरी पर स्थित है।

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