मोहनदास कर्मचन्द गांधी की राख को विसर्जित करने से पूर्व शहर के जिस सांस्कृतिक केन्द्र में रखा गया था वह गांधी मेमोरियल एक दर्शनीय स्थल है। इस भवन की वास्तुकला इसलिए अद्वितीय है क्योंकि सूर्य की किरणें ठीक उस स्थान पर गिरती हैं जहाँ गांधीजी की राख रखी गयी थी। इसमें एक पुस्तकालय है जिसमें दुर्लभ ऐतिहासिक कालीन और पुरानी पुस्तकें, हजारों अन्य पुस्तकें, पत्रिकाएँ तथा पैम्फलेट मौजूद हैं। इस मेमोरियल में राष्ट्रपति के क्रियाकलापों तथा जीवन पर एक पत्राचार कोर्स कराया जाता है और बाद में छात्रों को इसका प्रमाणपत्र दिया जाता है।

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