लकड़ी पर नक्काशी

चित्रकूट को लकड़ी के हस्तशिल्प के लिए जाना जाता है, जो कि शीशम, दूधी और साल पर नक्काशी कर के बनाया जाता है । छोटे मंदिर, देव मूर्तियाँ, खिलौने, गुड़िया और हाथी कुछ लोकप्रिय चीजें हैं जिन्हें आप यहाँ खरीद सकते हैं, साथ ही शादियों के लिए नक्काशीदार स्टूल, देवी-देवताओं के लिए पंखे और छोटे बर्तन भी इनमें शामिल हैं। अन्य वस्तुओं में देवताओं के नक्काशीदार फ़लक हैं, जो एक मीटर लम्बे डंडे से जुड़े होते हैं। इन फलकों को ‘कावड़’ के नाम से जाना जाता है , और भक्तों द्वारा इन्हें भगवान मुरुगन या कार्तिकेय को अपनी मन्नत पूरी करने के लिए अर्पित किया जाता है। चित्रकूट में घरेलू सामान जैसे मूसल, सब्ज़ी काटने के यंत्र इत्यादि भी काफी लोकप्रिय हैं।

इन कारीगरों के पास एक अद्वितीय कौशल होता है जिससे वे लकड़ी के एक साधारण टुकड़े में जादू भर देते हैं। वे सुन्दर मेहराबों व बेलों के रूपांकनों को फर्नीचर में उकेरते हैं, तथा उनमें से प्रत्येक टुकड़ा असाधारण और अद्वितीय होता है। कभी-कभी यहाँ आबनूस से बने फर्नीचर में पत्थर भी जड़े जाते हैं जो विभिन्न तत्वों का एक आश्चर्यजनक संयोजन प्रस्तुत करता है।

लकड़ी पर नक्काशी

लाख का काम

लाख के सुंदर सामान चित्रकूट की विशेषता हैं। वे लाख की लकड़ी पर बढ़ईगीरी के माध्यम से बनाए जाते हैं। आप भव्य सजावट की वस्तुओं से लेकर फर्नीचर तक, चित्रकूट के रौनक भरे बाजारों में अनेकों वस्तुओं की खरीदारी कर सकते हैं।

इन वस्तुओं को बनाने की प्रक्रिया कठिन है और इसमें लाख को लकड़ी से जोड़ने की कला शामिल है। इसे खराद पर, हाथ से या मशीन से किया जाता है। छोटी और नाजुक वस्तुओं के लिए, आमतौर पर हाथ वाली खराद इस्तेमाल की जाती है। बड़ी लाख विधि में सूखे लाख की एक छड़ी को किसी वस्तु से दबाया जाता है जो एक घूमने वाले प्लेटफॉर्म पर मुड़ रही होती है। जैसे-जैसे वस्तु घूमती है, यह घर्षण गर्मी उत्पन्न करता है जो लाख को पिघला देता है और रंग को वस्तु से चिपका देता है।

लाख का काम