बीदर में छिपे अद्भुत रत्नों में से एक, मेडक यहाँ से लगभग 100 किमी दूर स्थित है। यह शहर अपने जीवंत त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है जो बहुत धूमधाम और शो के साथ मनाए जाते हैं। इनमें से उल्लेखनीय है बथुकम्मा का पुष्प उत्सव, जोकि दुर्गा नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक चलने वाला उत्सव है। यह त्योहार देवी महागौरी को समर्पित है, जिन्हें नारीत्व की संरक्षक देवी माना जाता है। यह एक रंग-बिरंगा त्यौहार है जिसमें कई तरह के फूलों से मंदिर के गोपुरम का आकार निर्मित किया जाता है। पर्यटक यहाँ के श्री सरस्वती क्षेत्रमु और एडुपायला दुर्गा भवानी गुड़ी जैसे ऐतिहासिक मंदिरों में भी जा सकते हैं। इनके अतिरिक्त मेडक किला, मेडक कैथेड्रल, विद्या सरस्वती शनि मंदिर, पोखरम जलाशय और श्री केतकी संगमेश्वर मंदिर भी यहाँ के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं। मेडक का एक महत्वपूर्ण अतीत रहा है, जिसके कारण इसे अतीतकाल में कई नामों से पुकारा गया था। इसे मूल रूप से सिद्धपुरम कहा जाता था और बाद में गुलशनाबाद के नाम से भी जाना गया।  

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