कच्छ और गुजरात के प्रमुख बंदरगाहों में से एक, मांडवी व्यापार और समुद्री यात्रा के रहस्यों का खजाना है। भुज से लगभग 58 किमी दूर स्थित, यह 1574 में कच्छ के राजा द्वारा एक बंदरगाह शहर के रूप में स्थापित किया गया था। यहां, नदी रुक्मावती के किनारे बने, जहाजों का निर्माण होने वाले यार्डों में आज तक हाथ से बनाए जा रहे लकड़ी के जहाजों को देखने के लिए जाया जा सकता है। जहाज बनाने की इसकी 400 साल पुरानी परंपरा अनोखी है। जहाजों को धौस कहा जाता है और पूरी तरह से हाथ से बनाया जाता है।

दिलचस्पी की एक और जगह है टॉवर ऑफ वागेर्स देखने जाना, जहां अमीर जहाज के मालिक कभी अपने बेड़ों के लौटने का इंतजार किया करते थे। विजय विलास पैलेस ऐसी जगह है, जहां जाना कोई छोड़ नहीं सकता है। 1929 में राव विजयराजजी ने इसे बनवाया था। इसकी अनूठी प्राचीन वस्तुएं और वहां प्रदर्शित चीजें काफी अद्भुत हैं। दरअसल, लगान और हम दिल दे चुके सनम जैसी कई भारतीय फिल्मों की शूटिंग भी यहां हुई है। मांडवी शांत समुद्र तटों के लिए जाना जाता है। यहां राजहंस और अन्य प्रवासी पक्षियों को देखना भी किसी अलौकिक अनुभव से कम नहीं है। लोकप्रिय मांडवी बीच एक बिंदु पर स्थित है जहां रुक्मावती नदी अरब सागर में मिलती है। पर्यटक स्वादिष्ट डबल रोटियों या दबेली (एक तरह का स्नैक) का भी यहां मजा ले सकते हैं जो यहां काफी लोकप्रिय हैं।

अन्य आकर्षण