बैंगलोर किले के अंदर स्थित, टीपू सुल्तान का भव्य महल कभी मैसूर के इस महान सुल्तान का ग्रीष्मकालीन आवास था। यह महल इंडो इस्लामिक वास्तुकला के बेहतरीन नमूनों में से एक है और बड़ी संख्या में पर्यटक इसे देखने आते हैं। महल में सबसे ध्यान आकर्षित करने वाली इसकी भव्य वास्तुकला है जो अलंकारिक फ्रेस्को, सुंदर रूपांकनों, बाहर की ओर झांकती बालकनियों और शानदार मेहराब से सजा हुआ है। महल में घूमते समय आप टीपू सुल्तान के राजसी जीवन शैली से रूबरू होते हैं। कहा जाता है कि इस महल का निर्माण मूल रूप से वर्ष 1537 में स्थानीय सरदार केम्पे गौड़ा द्वारा किया गया था। यह दो मंजिला इमारत ज्यादातर लकड़ी से बनी है और इसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा प्रबंधित एक संग्रहालय भी है जो टीपू सुल्तान के जीवन की झलक देता है। विधान सौधा 60 एकड़ में फैले, विधान सौधा को बेंगलुरु का प्रसिद्ध लैन्ड्मार्क माना जाता है, जिसमें सचिवालय और राज्य विधानमंडल स्थित हैं। यह आलीशान सफेद इमारत मैसूर की नवीन द्रविड़ वास्तुकला में बनाई गई है, जिसके विभिन्न तत्वों में इंडो सरैसेनिक और द्रविड़ियन प्रभाव है। पांच वर्षों में 1951 ई. और 1956 ई. के बीच इसका निर्माण पूरा हुआ। देश के सबसे बड़े विधान भवन की परिकल्पना कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री केंगल हनुमंथैया ने की थी। विधान सौधा में 300 कमरे हैं, जिनका उपयोग राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा किया जाता है। यह भव्य संरचना 46 मीटर ऊंची है, जो इसे शहर की सबसे शानदार इमारतों में से एक बनाती है। विधान सौधा का निर्माण पूरी तरह से ग्रेनाइट और पोर्फिरी से किया गया है। इसके चारों कोनों पर चार गुंबद हैं। भवन का प्रवेश द्वार भारत के राष्ट्रीय चिह्न से सुशोभित है। इमारत के चारों ओर प्रवेश मार्ग है। आगंतुकों को भवन के अंदर प्रवेश करने से पूर्व अनुमति लेना आवश्यक है। विधान सौधा को घूमने का सबसे अच्छा समय रविवार और सार्वजनिक अवकाशों पर है, जब शाम 6 बजे से रात 8.30 बजे तक यह सुंदर रोशनी में नहाया लगता है।

अन्य आकर्षण