मेड़ता नमक आध्यात्मिक शहर की यात्रा अजमेर से एक दिन में की जा सकती है। कभी मेड़तिया राठौड़ राजपूतों के शासनकाल में एक महत्वपूर्ण राज्य रहे मेड़ता को भगवान कृष्ण की अनन्य भक्त मीरा बाई का जन्मस्थान होने के कारण जाना जाता है। 

मीरा बाई के 500 साल पुराने जन्मस्थान भग्नावशेष रानी मीराबाई की भक्तिमय कहानियों से गूंजते हैं। पर्यटक इस शहर के केंद्र में स्थित चारभुजा मंदिर के नाम से मशहूर मीरा बाई मंदिर के भी दर्शन सकते हैं। इसके अंदरूनी भाग अत्यधिक सुन्दर हैं और जिनकी दीवारें और फर्श हजारों पत्थरों, दर्पणों और रत्नों से सुशोभित हैं। दीवारों पर विस्तृत चित्र विभिन्न हिंदू देवताओं की महिमा को प्रदर्शित करते हैं। एक अन्य प्रसिद्ध पर्यटक स्थल मीरा बाई स्मारक या मीरा बाई मेमोरियल है, जो एक बलुआ पत्थर का इस्तेमाल कर के राजपूत वास्तुकला शैली में निर्मित एक बड़ा दरवाज़ा है। स्मारक के पास एक छोटा संग्रहालय भी स्थित है जो मीरा बाई के जीवन के बारे में जानकारी देता है। औरंगज़ेब मस्जिद मुग़ल वास्तुकला का एक बेहतरीन नमूना तथा इस शहर में स्थित एक और दर्शनीय पर्यटन स्थल है। पुष्कर से 61 किमी की दूरी पर स्थित मेड़ता वहाँ की यात्रा के दौरान एक लोकप्रिय भ्रमण स्थल है। 

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