भारत के जंगलों में कुछ अनोखे वन्यजीव पाए जाते हैं, जो सौभाग्य से देखने को मिलते हैं। गिर राष्ट्रीय उद्यान अफ्रीका के जंगलों के अलावा दुनिया में एकमात्र स्थान है जहाँ राजसी शेरों को स्वतंत्र रूप से घूमते हुए देखा जा सकता है। खुली जमीन पर फैलकर लेटे हुए सुनहरे शेरों को देखने के साथ- साथ सफेद पीठ और लंबे होठों वाले लुप्तप्राय गिद्ध, काले हिरण और बलखाती हुई चाल से चलते हुए तेंदुए को देखने की रोमांचक यात्रा पर चलें। रात्रिकालीन रोमांच के लिए, आप जंगल के मध्य स्थित कंकई माता में ठहर सकते हैं, जहाँ आप रात में शेरों की भयानक दहाड़ सुन सकते हैं।

जंगली गधे जो अपनी पीठ पर काली धारियों के लिए प्रसिद्ध हैं, वे भारत में एकमात्र गुजरात स्थित घुड़खर अभयारण्य में पाए जाते हैं। इसे यात्रा के दौरान अवश्य देखना चाहिए। भारतीय भेड़िये, काले हिरण और धारीदार लकड़बग्घे इस अभयारण्य की यात्रा को और अधिक रोमांचक बनाते हैं।

देश के महानतम वन्यजीव स्थलों में से एक, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एक सींग वाले दुर्लभ गैंडों के लिए प्रसिद्ध है जहाँ विश्व के दो-तिहाई एक सींग वाले दुर्लभ गैंडे पाए जाते हैं। विशाल ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर स्थित होने के कारण, इसमें गंगा नदी की लुप्तप्राय डॉल्फिन भी पाई जाती है, साथ ही बाघों की एक बड़ी आबादी भी यहाँ देखने को मिलती है। इसके अलावा, इस उद्यान में विश्व प्रसिद्ध साँप – रॉक पायथन और जालीदार अजगर और सबसे लंबा विषैला साँप किंग कोबरा पाया जाता है। हाथी पर बैठकर इस उद्यान में घूमना सर्वश्रेष्ठ तरीका है।

मध्य प्रदेश स्थित, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान को आमतौर पर अँग्रेजी लेखक रुडयार्ड किपलिंग के उपन्यास, 'दि जंगल बुक' की पृष्ठभूमि पर आधारित माना जाता है। अपने आकर्षक हरे-भरे घास के मैदानों और घने साल के जंगलों के साथ, यहाँ लुप्तप्राय बारहसिंगा पाए जाते हैं जो इसके लिए एक गौरव की बात है। यहाँ कई वन्यजीव फिल्में भी फिल्माई गईं हैं और यह रॉयल बंगाल टाइगर के यहाँ पाए जाने के लिए सबसे प्रसिद्ध है। लगभग 300 किमी दूर, पन्ना राष्ट्रीय उद्यान स्थित है, जो बाघ को देखने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।

फुर्तीले और लचीले काले चीतों अथवा शांत तेंदुओं को देखना चाहते हैं तो कर्नाटक के काबिनी फॉरेस्ट रिजर्व में जाइए। काबिनी नदी के किनारे नौकाविहार करते हुए वन्यजीव का आनंद लीजिए।

केरल स्थित शांत और स्थिर परिदृश्य वाला साइलेंट वैली नेशनल पार्क, प्रसिद्ध नीलगिरी जैवमंडल रिजर्व का एक भाग है, जो अपने वन्यजीव के लिए प्रसिद्ध है। यूनेस्को के इस विश्व धरोहर स्थल में साँपों के साथ-साथ बाघों, हाथियों और तेंदुओं के रोमांचक दृश्य देखने को मिलते हैं।

भारत में प्रकृति का निवास है और इस बात का सबसे श्रेष्ठ प्रमाण सदैव जागने वाला शहर मुंबई है जिसे देश की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। मुंबई दुनिया के कुछ बड़े शहरों में से एक है, जिसमें एक वन्यजीव उद्यान है - संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान। तेंदुए, सुअर, उड़ने वाली लोमड़ी से लेकर शेर, लंगूरों और पक्षियों के झुंडों से परिपूर्ण इस उद्यान में में वनस्पतियों और जीवों की भरमार है।

राजस्थान में ऐसे कई मैदान पाए जाते हैं जहाँ प्राचीन काल में राजा और महाराजा शिकार किया करते थे, इनमें से कुछ उद्यान और अभयारण्य राजसी किलों और प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध हैं और इसका सबसे अच्छा उदाहरण 10 वीं शताब्दी का रणथंभौर किला है, जो राजस्थान में रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के सूखे पर्णपाती जंगल का केंद्र बिंदु है। इसे प्रसिद्ध रणथंभौर बाघिन, माचाली के लिए आदर्श स्थान के रूप में पहचान प्रदान की गई थी, जिसकी मृत्यु 2016 में हुई।

भारत के वन्यजीवन का अनुभव करने के लिए, पर्यटक प्रकृति की विलासिता पूर्ण गोद में ठहर सकते हैं। प्रकृति के विभिन्न एकांतवासों में मिट्टी की झोपड़ियों से लेकर लकड़ी से बने घर शामिल हैं, जिनसे आप न केवल प्रकृति को निकट से देख सकते हैं, बल्कि गीत गाते पक्षियों को सुनकर जाग सकते हैं, खुली जीपों में कंबल के अंदर आराम करते हुए सुबह-सुबह घूमने निकल सकते हैं, जंगल में धूप के नीचे बैठकर नाश्ता कर सकते हैं, मनमोहक व्यवस्था में एक रोमांटिक कैंडल-लिट टेबल-फॉर-टू डिनर का आनंद ले सकते हैं... 

लेकिन परम संतुष्टि जंगल में घूमने और इसमें पाए जाने वाले जीवों को देखने में है; हड्डियों को ठंडा करने वाली गीदड़ों की आवाजें, एक बाघ की गुर्राहट, एक सांभर की बड़ी-बड़ी तरल आँखें ... सौंदर्य देखने वाले की आँखों में और भारतीय जंगलों के ह्दय में है जहाँ मोगली भेड़िये, भालुओं और तेंदुओं के साथ मुक्त होकर दौड़ता था। सौंदर्य वन्य जीवन है।