calendar icon Mon, June 15- Tue, June 16, 2020

यह भव्य पर्व केरल के कोल्लम स्थित ओचिरा पारब्रह्म मंदिर में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह पर्व अपने आप में ही बहुत अनोखा होता है क्योंकि इसमें किसी भी एक इष्ट देव की आराधना नहीं की जाती अपितु पारब्रह्म अथवा सार्वभौमिक चेतना को ही पूजा जाता है। इस विशेष अवसर पर दो समुदाय छद्म युद्ध करते हैं। इन समुदायों के संघर्ष के दौरान ढोल बजाए जाते हैं। यह छद्म युद्ध तालाब अथवा जल कुंड में किया जाता है, जिसे पदनीलम कहा जाता है। यह छद्म युद्ध कयमकुलम और अम्बालापुझा साम्राज्यों के बीच हुए ऐतिहासिक संघर्ष के प्रतीक के रूप में ही आयोजित किया जाता है। परिवारों के पुरुष सदस्य दो समूहों में बंट जाते हैं। वे एक दूसरे पर लाठियों और कीचड़ के पानी से हमला करते हैं। वे अपना अधिकार स्थापित करने के लिए ही इस छद्म युद्ध का प्रदर्शन करते हैं। यह पर्व मिथुनम अर्थात जून के मध्य में दो दिनों के लिए मनाया जाता है।