calendar icon Sat, August 8, 2020

यह केरल की प्रतिष्ठित बोट रेस में से एक है। नेहरू ट्रॉफी बोट रेस अगस्त के दूसरे शनिवार को आयोजित की जाती है। लोग दूर-दूर से लगभग 100 फुट लंबी इन नौकाओं को देखने के लिए आते हैं। ये सभी नावें एक दूसरे से रेस लगाती हैं। जब प्रतिभागी अपनी नाव लेकर पुन्नामादा झील पर पहुंचते हैं तब वे जोश से हुंकार भरते हैं और पुराने गीत गाते हैं। मानो वे किसी जंग पर निकले हों। ऐसा कहा जाता है कि जब पंडित नेहरू 1952 में यहां आए थे तब इस प्रकार की रेस को देखकर वह इतने प्रभावित हुए कि एक सर्प नाव पर कूद पड़े। अपने आने की याद में उन्होंने चांदी की एक ट्रॉफी भी प्रदान की थी, जो सर्प बोट के आकार की थी।