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कुम्बलगढ़, राजस्थान 

यूनेस्को द्वारा घोषित विष्व धरोहर स्थल कुम्भलगढ़ किले के परिसर मेें कुम्भलगढ़ महोत्सव नामक षानदार कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस महोत्सव में स्थानीय परंपराओं, रंगों और लोक संगीत और नृत्यों का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है। प्रदेष की जीवंतता और कठोरता के साथ-साथ, यह महोत्सव आगंतुकों को राजस्थान की समृद्ध संस्कृति का अनुभव करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। इस महोत्सव के दौरान, राजस्थान की विरासत के विभिन्न रत्न अर्थात् यहां के हस्तषिल्प, जातीय पोषाकें, हस्तनिर्मित आभूषण और स्मृति चिह्न देखने को मिलते हैं। अपनी मनपसंद सामग्री की खरीदारी करने के अलावा, आप यह भी जान पाएंगे कि इन पारंपरिक वस्तुओं को किस प्रकार से बनाया जाता है। इस महोत्सव के दौरान अनेक प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है जैसे कि रस्साकषी, पगड़ी बांधना, म्यूज़िकल चेयर इत्यादि। इन्हें देखकर बहुत मज़ा आता है। इस महोत्सव का एक अन्य विषेष आकर्षण कठपुतली का षो होता है। इसे देखने बड़ी संख्या में दर्षक उमड़ पड़ते हैं।