कृष्णा और मलप्रभा नदी के संगम पर स्थित, कुडाल संगम, लिंगायत हिंदू संप्रदाय के अनुयायियों का महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। प्रायः लिंगायत संप्रदाय के लोग शैव मत के अनुयायी होते हैं। कुडाल संगम लिंगायत संप्रदाय के संस्थापक बासवन्ना का विश्राम स्थल है। बासवन्ना की पवित्र समाधि को ऐक्य मंतापा भी कहा जाता है। तीर्थयात्री पूरे वर्ष इस समाधि का दर्शन करने आते रहते हैं। प्राचीन मंदिरों और धार्मिक स्थलों के लिए भी यह नगर प्रसिद्ध है। चालुक्य वंश द्वारा 13 वीं शताब्दी में निर्मित, संगमनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, लेकिन इस मंदिर में अन्य हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां भी हैं। पर्यटकों को प्राचीन और शांत वातावरण का आनंद लेने के लिए कुडाल संगम अवश्य जाना चाहिए। कुडाल संगम का शांत परिवेश किसी के भी मन, शरीर और आत्मा की शांति हेतु सही स्थान हैI

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