यहां लगभग छह दीर्घाओं (गैलरीज़) में कलात्मक वस्तुओं का शानदार संग्रह हैं, जो आदिलशाही राजवंश (15 वीं से 17 वीं शताब्दी) की और इस क्षेत्र की जीवंत सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। इसके सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए पुरातत्व संग्रहालय अवश्य जाना चाहिए। संग्रहालय में प्राचीन सिक्कों, लकड़ी की नक्काशी,चीनी मिट्टी के बरतन, लघु चित्र और भव्यकालीनों के साथ-साथ कन्नड़, संस्कृत, अरबी और फ़ारसी भाषाओं के शिलालेख भी प्रदर्शित किए गए हैं। संग्रहालय में प्रदर्शित हिन्दू धर्म और जैन धर्म की उत्कृष्ट मूर्तियाें को देखना न भूलिएगा। संग्रहालय की एक दीर्घा में 15 वीं और 16 वीं शताब्दी के दौरान बीजापुर की सेना द्वारा इस्तेमाल किए गए हथियारों और धातु के बर्तनों का एक दिलचस्प संग्रह मौजूद है।
यह संग्रहालय पहले गोल गुम्बज का नक़्क़ाशी खाना था। इसका उद्घाटन वर्ष 1892 में हुआ था।

अन्य आकर्षण