कवि-नाटककार कालिदास की स्मृति में मध्य प्रदेश सरकार ने इसकी स्थापना सन 1978 में की थी। यह अकादमी थिएटर और कविता की रचनात्मकता में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक बहु-विषयक संस्था है। इस अकादमी का उद्देश्य कालिदास के साहित्य का अध्ययन, शोध, अनुवाद, प्रकाशन और दस्तावेजीकरण करना है। अकादमी ने भरत के नाट्यशास्त्र के सिद्धांत के अनुसार एक मॉडल संस्कृत थियेटर भी स्थापित किया है। अकादमी परिसर में संस्कृत नाट्य कला का एक संग्रहालय और पारंपरिक संगीत और थिएटर और नृत्य का पुस्तकालय है। संगोष्ठी और व्याख्यान कक्ष, अनुसंधान सुविधाएं, एक बड़ा खुला थिएटर और रिहर्सल के लिए एक छोटा मंच भी है। अकादमी के मुख्य भवन के सभी कमरों का नाम कालिदास की रचनाओं के नाम पर रखा गया है, जैसे- कुमारसंभवम्, मेघदूतम आदि। अकादमी के पुस्तकालय में एक वर्गीकृत संग्रह है, जिसमें वेद, वेदांग, पुराण जैसे विभिन्न भारतीय विषयों पर 4,000 से अधिक पुस्तकों का संग्रह है। यहां कालिदास की रचनाओं के विशाल संग्रह के अलावा, दर्शन, वैदिक और संस्कृत साहित्य, नाट्य, नृत्य, संगीत, वास्तु-शास्त्र के अलावा और भी बहुत सारी पुस्तकें मौजूद हैं।

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