पूर्वोत्तर भारत में ताजे पानी की सबसे बड़ी झीलए प्राचीन लोकताक झीलए पर्यटकों के आकर्षण के मुख्य केंद्र में से एक है। अपने बहते हुए गोल दलदल के लिए मशहूरए जिसे स्थानीय भाषा में फुम्डिस भी कहते हैए यह झील दूर दराज से पर्यटकों को अपनी खूबसूरती से खींच लाती है। ये दलदल लगभग एक द्वीप की तरह दिखते है और मिट्टीए जैविक पदार्थ और वनस्पतियों का समूह होते है। विश्व का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यानए केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यानए जो की लुप्त होने के कगार पर खड़ीए भौंह चढ़ी हिरण या संगईए मणिपुर का राजकीय जानवरए के लिए आखिरी शरणस्थली है।

इसके साथ हीए ये झील घर हैए जलीय वनस्पतियों की 230 प्रजाति काए 100 तरह के पक्षियों का और 400 तरह के जानवरों का जैसे भौंकने वाले हिरणए सांबर और भारतीय अजगर। लोकताकए पक्षी देखने वालों के लिए दर्शनीय स्थल हैए जहाँ उन्हें काली चीलए पूर्वी हिमालय की कठफोड़वाए उतरी पर्वतों की मैनाए हल्के पूर्वी जंगल के कौवेए बर्मा की चितकबरी मैना और कम जाने वाले चकवा की बहुत सी प्रजाति मिल सकती है।

पर्यटक झील के किनारे रहने के लिए घर किराये पर ले सकते है जिससे वे झील किनारे जीवन का सीधा अनुभव ले सके। झील का सर्वश्रेष्ठ अनुभव लेने के लिएए सुबह की पहली किरण के साथए लम्बी मछली मारने वाली नावों में नौका विहार करना है। आप पास में ही मछुआरों के द्वीप पर भी जा सकते हैंए और मछ्ली पकड़ने का आनंद भी उठा सकते है। सूर्यास्त के शानदार दृश्य प्राप्त करने के लिएए झील को देखने वाली पहाड़ियों में से किसी भी तरफ बढ़ेंए और प्रकृति की सुरम्यता में डूब जाएं क्योंकि जलता हुआ सूरज क्षितिज के किनारों पर खो जाता है। यह दृश्य आकाश को लाल और सुनहरे रंग के असंख्य छटाओं में रंग देता है।।

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