गोवाहाटी से करीब 30 किमी दूर स्थित है सुवालकुची गांव जिसे बुनकरों का गांव भी कहते हैं। ब्रह्मपुत्र नदी के पूर्वी मुहाने पर बसा यह गांव असम के प्रसिद्ध पैट सिल्क और मुगा सिल्क के लिए जाना जाता है। असम के वस्त्र उद्योग का गढ़ कहे जाने वाले इस गांव को हैंडलूम हेरिटेज विलेज का तमगा भी हासिल है और हमेशा पर्यटकों की आवाजाही से गुलजार रहता है। यहां आज भी प्राचीन पद्धतियों द्वारा हाथ से बुनकर कपड़ा तैयार किया जाता है। यहां की मेखला चादोर विश्व प्रसिद्ध है, जिन पर मुख्यतः एक-दूसरे के सामने खड़े दो सिंहों वाला किंकहाप डिजाइन बनाया जाता है। कहा जाता है कि यह डिजाइन आहोम शासकों के समय से इस्तेमाल किया जा रहा है। अन्य डिजाइनों में फूलों तथा लताओं के डिजाइन प्रमुखता से इस्तेमाल किये जाते हैं। बांस के खूबसूरत घरों वाला यह गांव पक्षियों में दिलचस्पी रखने वाले लोगों को भी बहुत लुभाता है।

 

अन्य आकर्षण