स्थानीय लोगों ने लगभग डेढ़ सदी से हिमरू फैक्ट्री का संरक्षण किया है और इसका कारण यहां आकर यह साफ़ ज़ाहिर हो जाता है। हिमरू पारंपरिक रूप से फारस की बुनाई की तकनीक है। आज, हिमरू फैक्ट्री का शोरूम पारंपरिक तौर पर बने ब्लाउज, कोट, लहंगे, पैठणी साड़ियों, हेन्डलूम शॉल, बेड कवर और साज-सज्जा के कपड़ों के लिए शहर की सबसे अच्छी जगहों में से एक है।

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