भद्रा किले की दक्षिणपश्चिम दिशा में बनी यह मस्जिद सुल्तान अहमद शाह द्वारा बनवाए गए वास्तुकला के अद्भुत उदाहरणों में से एक है। इसका निर्माण 1414 में करवाया गया था, जो अहमदाबाद की प्राचीन मस्जिदों में से एक है। यहां के प्रार्थना कक्षों, जो मेहराब कहलाते हैं, के फ़र्श काले व सफेद संगमरमर से बने हैं, जिन पर व्यापक रूप से नक्काशी की गई है। सभी प्रार्थना कक्षों में पत्थर के स्तंभ बने हैं तथा छत पर जाली का काम व अलंकृत नक्काशी की गई है। प्रत्येक प्रार्थना कक्ष में गुंबद की भांति बने हुए हैं। 
मस्जिद की पूर्वोक्रार दिशा में महिलाओं के लिए एक अलग से प्रार्थना कक्ष बना हुआ है जो जनाना कहलाता है। यह मस्जिद इसी उद्देश्य से बनाई गई थी कि राजपरिवार के सदस्य यहां प्रार्थना कर सकें। वर्तमान में यह मस्जिद पर्यटकों के प्रमुख आकर्षणों में से एक है।        

अन्य आकर्षण