स्वाद की बहारः कोलकाता का स्ट्रीट फूड ष्दुर्गा पूजाष्

रसोइयों ने बिरयानी का कोलकाता संस्करण तैयार किया। इसमें आलुओं का उपयोग किया जाने लगा जो उस समय बेहद सस्ते थे। 
झाल मूरीः यह मसालेदार फुलियां होती हैं जो सभी को भाती हैं। इसे चना चूड़ए प्याज़ए अदरकए मिर्चए उबले हुए चनेए खीराए आलूए मूंगफलीए पुदीने का पानीए सरसों का तेल एवं धनिया मिलाकर बनाया जाता है। दुर्गा पूजा के दौरान झाल मूरी को अवश्य खाएं।
घुगनीः यह मटर की चटपटी सब्ज़ी होती है जो कोलकाता की हर गली में खाने को मिल जाएगी। इन्हें उबले हुए पीले मटरों से बनाया जाता है। उसमें टमाटरए मिर्चें तथा कटी प्याज़ डालते हैं। बाद में उस पर धनिया छिड़का जाता है। इसे अमूमन गर्मा.गर्म परोसा जाता हैए जिसपर नीबू का रस और चटनी डाली जाती है। 
मुग़लई परांठाः सुनहरे रंग का आटे का चपटा परांठाए जिसमें अंडा अथवा मटन कीमा भर दिया जाता हैए यह खाने में बेहद स्वादिष्ट होता है। मुग़लई परांठे को देखकर ही मुंह में पानी आ जाता है। एक पंडाल से दूसरे पंडाल तक जाने के बीच यह खाने का बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। हालांकि मटन वाला परांठा बहुत लोकप्रिय हैए फिर भी शाकाहारियों के लिए भी इसमें विकल्प मिल जाएंगे। ये मटरए गाजर अथवा प्याज़ के मिश्रण से भी बनाए जा सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि मुग़ल बादशाह जहांगीर के खानसामा उस्मान ने इसे बनाना आरंभ किया था। यह शेफ़ बंगाल से था इसलिए पूरे क्षेत्र में इसकी प्रसिद्धि फैल गई।
पापड़ी चाटः यह कुरकुराए मीठा एवं मसालेदार व्यंजन होता है। इसे उबले हुए चनोंए आलूए अंकुरित दालए टमाटरए प्याज़ए दहीए मिर्च तथा मीठी चटनी के साथ परोसते हैं। इसका स्वाद बढ़ाने के लिए इस पर तीखा चाट मसालाए नीबू का रस एवं काला नमक डाला जाता है।
कबीराजी मछलीः इसमें मछली को कटलेट के रूप में परोसा जाता है। इस पर ब्रेड के टुकड़े डालकर इसे तेल में तलते हैं। यह बेहद मुलायम होती हैए इस पर अंडे की ज़र्दी डालते हैंए जिससे यह लिचलिची हो जाती है। चिकनए प्राॅन अथवा मटन से भी कटलेट बनाए जा सकते हैं। इन्हें अमूमन गाजरए खीरा तथा कसुंडी के साथ परोसा जाता है। खाने के विशेषज्ञ कहते हैं कि इसकी उत्पŸिा अंग्रेज़ी के शब्द ष्कवरेजष् से हुई हैए जिसे अंग्रेज़ों के शासनकाल में बनाया जाता था।
लुची आलू दमः दुर्गा पूजा के पसंदीदा व्यंजनों में से एक लुची आलू दम भी है। यह लगभग हर पंडाल पर खाने को मिलता है। लुची पूरी की भांति होती हैए जो आटे से बनाई जाती है। इसे आलू की सब्ज़ी के साथ परोसा जाता है। यह सब्ज़ी खट्टा.मीठा स्वाद लिए होती है। इसकी तरी क्रीमी होती है तथा आलू कुरकुरे होते हैंए जो खाने वाले को अनोखा स्वाद प्रदान करता है। 
चाॅप्सः कोलकाता में अनेक दुकानों पर मिलने वाला व्यंजन चाॅप ही होते हैं। ये आलुओं के तीखे.मसालेदार केक होते हैं जो गोलाकार होते हैं। इनमें मांसए मछलीए अंडे अथवा सब्ज़ी का मिश्रण भर दिया जाता है। इन्हें सरसों के तेल से बनी तरी के साथ परोसा जाता है। कभी.कभार इनके साथ आम रस भी परोसा जाता है ताकि खाने वाले को अनोखा ज़ायका मिल सके। ऐसा कहा जाता है कि यह व्यंजन यूरोप से भारत आया। इसे लाने वाले अंग्रेज़ अथवा पुर्तगाली थे। आजए मसले हुए आलूए कटलेट एवं अंडों का मिश्रण बनाकर अंग्रेज़ी पकवान में भारतीय मसालों का तड़का लगाकर उसे बंगाली व्यंजन का स्वरूप प्रदान किया जाता है।
काठी रोलः जायकेदार नाश्ते के रूप में यह एक बेहतरीन व्यंजन होता हैए जिसे कोलकाता स्ट्रीट फूड के रूप में अवश्य खाना चाहिए। सामान्य रूप में यह आटे से बनी ब्रेड होती है जिसमें चिकन का मिश्रण मिलाया जाता है। इस फ्लेटब्रेड को अंडे के साथ पकाया जाता हैए जिसके कारण यह व्यंजन लिचलिचा हो जाता है। ब्रेड को रोल करकेए काटा जाता हैए उसके बाद इसे मिर्च एवं टमाटर की चटनी के साथ खाते हैं। इस पर प्याज़ए हरी मिर्चए धनिया तथा खीरा सजाते हैं। 
घोटी गोरोमः यह एक प्रकार का अनोखा बंगाली स्नैक होता है। घोटी गोरोम में चना चूड़ए कटे हुए प्याज़ए मिर्ची एवं भुनी हुई मूंगफली डालते हैं। उस पर मसाला तथा धनिया छिड़कते हैं। 
डिमर डेविलः कोलकाता के बेहद लोकप्रिय व्यंजनों में से एक डिमर डेविल है। यहां डिम का अर्थ बंगाली में अंडा होता है। इस स्वादिष्ट व्यंजन में उबला हुआ आधा अंडा डाला जाता है। उस पर मसालेदार आलू का आवरण चढ़ाया जाता है। तब उसे ब्रेड के टुकड़ों के साथ मिलाकर तेल में तला जाता है। इसे अमूमन चाय अथवा कसुंडी के साथ खाया जाता है।
चा अथवा चायः कोलकाता में ऐसी अनेक दुकानें हैंए जहां पर गर्मा.गर्म चाय पीने को मिलती है। दुर्गा पूजा के दौरान लोग चाय पीना बहुत पसंद करते हैं। चाय की दुकान पर परिवारों का मिलना और गप.शप करना आम बात है। मिट्टी के कप में चाय की चुस्कियों लेना एक अनोखा अनुभव प्रदान करता है। इससे चाय स्वाद काफ़ी हद तक बढ़ जाता है। आप चाहें तो चाय के साथ केक अथवा बिस्कुट खा सकते हैं। आपको अगर कोई चाय के साथ सिंघाड़ा खाने को दे तो हैरान न हों। भारत में मिलने वाले प्रसिद्ध नाश्ते समोसे को बंगाली में सिंघाड़ा कहते हैं।
चीनी व्यंजनः चाऊमिन का कोलकाता संस्करण देखने में आलू की बिरयानी की भांति होता है। यह बेहद लोकप्रिय एवं स्वादिष्ट होता है। पूजा के दौरान अनेक स्टाॅलों पर स्टील की प्लेट में टमाटर